Purnima Vrat 2022 : पूर्णिमा की तिथि बहुत ही महत्वपूर्ण तिथि होती है हिन्दू धर्म में इस दिन चाँद अपने सभी कलाओं से पूर्ण होता है। इस दिन को भगवान शिव का प्रिय दिन माना गया है, इस दिन को भगवान विष्णु का, माता लक्ष्मी का प्रिय दिवस माना गया है। अमावस्या के बाद की जो पन्द्रहवीं तिथि होती है उसे हम पूर्णिमा (purnima) कहते है। इस लेख में हम आपको साल 2022 में आने वाली सभी पूर्णिमा व्रत, उनकी तिथि, दिनांक, पूजा की सामग्री, पूजा विधि व महत्त्व के बारे में बताएँगे।

पूर्णिमा व्रत सम्पूर्ण लिस्ट 2022
क्रम संख्या | दिनांक | दिन | पूर्णिमा व्रत के नाम |
---|---|---|---|
1 | 17 जनवरी | सोमवार | पौष पूर्णिमा व्रत |
2 | 16 फरवरी | बुधवार | माघ पूर्णिमा व्रत |
3 | 18 मार्च | शुक्रवार | फाल्गुन पूर्णिमा व्रत |
4 | 16 अप्रैल | शनिवार | चैत्र पूर्णिमा व्रत |
5 | 16 मई | सोमवार | वैशाख पूर्णिमा व्रत |
6 | 14 जून | मंगलवर | ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत |
7 | 13 जुलाई | बुधवार | आषाढ़ पूर्णिमा व्रत |
8 | 12 अगस्त | शुक्रवार | श्रावण पूर्णिमा व्रत |
9 | 10 सितंबर | शनिवार | भाद्रपद पूर्णिमा व्रत |
10 | 9 अक्टूबर | रविवार | आश्विन पूर्णिमा व्रत |
11 | 8 नवंबर | मंगलवार | कार्तिक पूर्णिमा व्रत |
12 | 8 दिसंबर | गुरुवार | मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत |
पूर्णिमा का व्रत का महत्त्व (purnima vrat ka mahatva)
पूर्णिमा का व्रत का बहुत ही पुण्य देने वाला है। यह स्वर्ग और मृत्यु लोक दोनों में दुर्लभ एक उत्तम व्रत है। यह व्रत दुःख, शोक आदि को दूर करने वाला, धन-धान्य को बढ़ने वाला, सौभाग्य तथा संतान को देने वाला और सभी स्थानों को विजयी करने वाला है। इस दिन चन्द्रदेव की आराधना से विशेष फल मिलता है। इस व्रत को अच्छी तरह विधि पूर्वक करके मनुष्य आयुपर्यंत्र धरती पर सुख भोगकर मरने पर मोक्ष को प्राप्त होता है।
पूर्णिमा व्रत पूजा की सामग्री
केले के खंभे, पंच पल्लव, कलश, पंचरत्न, चावल, रोली, कपूर, धुप, पुष्पों की माला, श्रीफल, ऋतुफल, केले, अंग वस्त्र, नैवेद्य, कलावा, आम के पत्ते, यज्ञोपवीत, गुलाब के फूल, दीप, तुलसी दल, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर), पान, केशर, बंदनवार, चौकी और सवाया।
पूर्णिमा व्रत पूजा विधि (purnima vrat vidhi)
व्रत करने वाला पूर्णिमा और संक्रांति के दिन पृथक्ल स्नानादि से निवृत्त होकर पूजा स्थान में आसन पर बैठकर श्रद्धा पूर्वक श्री गणेश, गौरी, वरुण और विष्णु आदि देवताओं का ध्यान करके पूजन करें और हाथ में जल लेकर संकल्प करें हे प्रभु मैं आज पूर्णिमा के व्रत का संकल्प करता हूँ मेरा व्रत पूरा करने में मेरी मदद करें।
गणेश जी का आहवाहन करें उनकी पूजा करें फिर पुष्प हाथ में लेकर नारायण का ध्यान करें यज्ञोपवीत, पुष्प, धुप, नैवद्य होकर स्तुति करें हे भगवन मैंने श्रद्धा पूर्वक फल, जल, सवाया सामग्री आदि सब आप को अर्पण किया है इसे स्वीकार कीजिये मेरा आपको बारम्बार नमस्कार है। इसके बाद भगवान सत्यनारायण जी की कथा पढ़ें अथवा सुनें।
रात के समय चन्द्रमा को कलश वाला जल चढ़ाये। रात में खीर, पूड़ी और सब्जी का भोग विष्णु जी को लगाये सबको भोजन कराने के पश्चात स्वयं भोजन करें। भोजन करने से पहले प्रसाद अवश्य ही ग्रहण करें।
पूर्णिमा व्रत कब है 2022 डाउनलोड सूची (purnima kab hai date list PDF download)
डिसक्लेमर: यहां बताई गई (purnima kab hai, vrat vidhi, mahatva in hindi) या किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। शुभ दिन पर व्यक्ति विशेष के लिए उसकी राशि के मुताबिक शुभ मुहूर्त क्या होगा, यह ज्योतिषाचार्य ही बता सकते हैं।
प्रिय पाठकगण,
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